November 14, 2008 NSI News Source Info
"प्यार बेशुमार लिखूं"
अपने खामोश तकल्लुम मैं ये इज़हार लिखूं,
हर जगह तेरे ही एक नाम की तकरार लिखूं...
एक हरकत भी कलम की हो तुझे प्यार लिखूं,
प्यार तू एक लिखे मैं तुझे सो बार लिखूं....
बेकरारी भरे दिल का तू ही है करार लिखूं,
अपनी इन तेज बदहवास धड़कनों की रफ़्तार लिखूं...
आज लाया हूँ तुझे दिल का ये उपहार लिखूं,
हाँ मिलन के है अब बहुत जल्द ये आसार लिखूं....
तेरी नज़रों ने जो उठाया है वो खुमार लिखूं ,
अपने खामोश तकल्लुम मैं ये इज़हार लिखूं,
हर जगह तेरे ही एक नाम की तकरार लिखूं...
एक हरकत भी कलम की हो तुझे प्यार लिखूं,
प्यार तू एक लिखे मैं तुझे सो बार लिखूं....
बेकरारी भरे दिल का तू ही है करार लिखूं,
अपनी इन तेज बदहवास धड़कनों की रफ़्तार लिखूं...
आज लाया हूँ तुझे दिल का ये उपहार लिखूं,
हाँ मिलन के है अब बहुत जल्द ये आसार लिखूं....
तेरी नज़रों ने जो उठाया है वो खुमार लिखूं ,
अपने हर लफ्ज़ से तुझे प्यार बेशुमार लिखूं...
Courtesy & credit to Seema Gupta for Hindi Poem.
No comments:
Post a Comment